उसने फिर से डोरे डाले मेरे तन्हाई पे, शुक्रिया इस दिल का जो रूबरू हुआ, उस रेशमी चिकनाई से, रस्मे रिवाजो और जुदाई से परे, ये दिल मशगूल है अपने तन्हाई में। :-अमित राय
नया साल आया है, नयी सौगात लाया है, कुछ रंग-बिरंगी फूलो का गुलदस्ता लाया है, इस गुलदस्ते का नाम 2014 रखा है, इनमे कुछ फूल तो मेरे अपने होंगे, उन फूलो के साथ अपना "हाल मुबारक"। आपको नया साल मुबारक। (अमित राय)